







मंत्र: ओम आकरष्य स्वाहा, ऊँ गं गणपतये नमः! ओम श्री महा लक्ष्म्यै नमः मंत्र: ॐ आकरष्य स्वाहा, गण गणपत्ये नमः, ॐ श्री महा लक्ष्म्यै नमः 4.5x4.5 इंच पंचधातु प्लेट यंत्र प्रतिनिधित्व करता है: भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी उद्देश्य: अच्छे भाग्य, प्रसिद्धि और आय / धन / मुनाफे में सुधार के लिए व्यापार वृद्धि यंत्र सबसे शुभ यंत्रों में से एक है। यह यंत्र देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान कुबेर की संयुक्त पूजा के लिए है। जहां भगवान गणेश सफलता के देवता हैं और देवी लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं । यंत्र को उचित ऊर्जाकरण और प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी खरीदारों तक पहुंचाया जा सकता है इसलिए, जो लोग इच्छुक हैं, वे भी इस पृष्ठ पर जाएं और इस यंत्र के साथ सक्रियण के लिए अलग से फॉर्म भरें, ताकि यंत्र के प्रेषण से पहले उनके नाम पर उचित ऊर्जावान और प्राण प्रतिष्ठा की जा सके। यंत्र की सक्रियता प्रक्रिया के लिए आवश्यक चीजें – एक विशिष्ट प्रार्थना – इस पेज पर जाएँ – पंचगव्य (घी, गंगाजल, दूध, दही, शहद) – कोई भी फलों का रस (नारियल का पानी, गन्ने का रस, अनार का रस) यंत्र की अभिषेक प्रक्रिया भक्त अपनी सुविधानुसार सप्ताह में एक या दो बार यंत्र का अभिषेक कर सकते हैं और यंत्र की विस्तृत अभिषेक प्रक्रिया नीचे दी गई है – पवित्र जल से यंत्र को स्नान कराएं – एक-एक करके सभी अभिषेक तरल पदार्थ अर्पित करें जो पंचगव्य (जल, दूध, दही, घी, शहद) और कोई भी फलों का रस (नारियल का पानी, अनार का रस, गन्ने का रस) हैं – अब यंत्र को साफ कपड़े से पोंछकर एक आसन पर रख दें यंत्र की पूजा प्रक्रिया के लिए आवश्यक सामग्री – गंगाजल – साफ कपड़ा – चंदन का पेस्ट – तुलसी का पत्ता – धूप और अगरबत्ती – मिठाइयाँ, फल और अन्य खाने योग्य – यंत्र को धातु की प्लेट पर रखें – पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें – यंत्र को गंगाजल से स्नान कराएं – इसे साफ कपड़े से पोंछें – यंत्र पर चंदन का टीका लगाएं और यंत्र पर तुलसी का एक पत्ता रखें ताकि तुलसी यंत्र पर अच्छी तरह से टिकी रहे – भगवान/देवी के मंत्र का जाप करें – यंत्र को धूप/अगरबत्ती दिखाएं – यंत्र को कुछ मिठाई, फल और अन्य खाद्य पदार्थ अर्पित करें – यंत्र के सामने अपनी इच्छा जोर से बोलें
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