पंचलोहम अखंड महा मेरु श्री यंत्र। प्राचीन संदर्भ के अनुसार पूरी तरह से हस्तनिर्मित यंत्र।
पंचलोहा मेरु श्री यंत्र पंचलोहा से बना एक पवित्र ज्यामितीय डिज़ाइन है, जो पाँच धातुओं का एक मिश्र धातु है। इस यंत्र को हिंदू धर्म में ध्यान, पूजा और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए एक शक्तिशाली और शुभ उपकरण माना जाता है।
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ज्यामितीय डिजाइन: पंचलोहा मेरु श्री यंत्र एक त्रि-आयामी पिरामिड जैसी संरचना है जिसमें जटिल ज्यामितीय पैटर्न हैं। इसमें वर्ग, त्रिकोण और एक केंद्रीय बिंदु (बिंदु) शामिल हैं। यह डिजाइन ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है और माना जाता है कि यह देवी महालक्ष्मी का एक रूप है।
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पंचलोहा मिश्र धातु: "पंचलोहा" पांच धातुओं से बने मिश्र धातु को संदर्भित करता है, पंचलोहा का उपयोग हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण है, और माना जाता है कि इसमें आध्यात्मिक और आध्यात्मिक गुण हैं।
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प्रतीक: यंत्र में देवी महालक्ष्मी से जुड़े प्रतीक शामिल हो सकते हैं, जैसे कमल की पंखुड़ियाँ, और उन्हें समर्पित पवित्र शब्दांश (मंत्र)। ये प्रतीक समृद्धि, धन और दिव्य स्त्री ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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उद्देश्य: पंचलोहा मेरु श्री यंत्र का प्राथमिक उद्देश्य ध्यान, पूजा और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करना है, विशेष रूप से धन और प्रचुरता से संबंधित ऊर्जा। ऐसा माना जाता है कि यह आध्यात्मिक विकास को बढ़ाता है और भक्तों के जीवन में समृद्धि लाता है।
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मंत्र: यंत्र अक्सर देवी महालक्ष्मी को समर्पित विशिष्ट मंत्रों या जापों से जुड़ा होता है।
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