कनकधारा यंत्र हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष में इस्तेमाल किया जाने वाला एक पवित्र ज्यामितीय आरेख या रहस्यमय आरेख है। इसे धन, प्रचुरता और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण माना जाता है। "कनकधारा" शब्द को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है: "कनक," जिसका अर्थ है सोना, और "धारा," जिसका अर्थ है प्रवाह। इसलिए, यंत्र को अक्सर धन और प्रचुरता के प्रवाह से जोड़ा जाता है।
कनकधारा यंत्र का विवरण इस प्रकार है:
1. **ज्यामितीय डिजाइन**: कनकधारा यंत्र आम तौर पर एक चौकोर या आयताकार आरेख होता है, जिसे धातु की प्लेट, कागज़ या किसी अन्य सतह पर अंकित किया जाता है। इसमें त्रिकोण, वृत्त और कमल की पंखुड़ियों सहित जटिल ज्यामितीय पैटर्न होते हैं।
2. **मंत्र**: यंत्र के केंद्र में, आमतौर पर एक छोटा वर्ग या वृत्त होता है जिस पर संस्कृत में एक विशिष्ट मंत्र लिखा होता है। कनकधारा यंत्र से जुड़ा मंत्र आमतौर पर देवी लक्ष्मी को समर्पित होता है, जो धन और समृद्धि की हिंदू देवी हैं। यंत्र का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करना लाभकारी माना जाता है।
3. **संख्यात्मक व्यवस्था**: कनकधारा यंत्र में संख्यात्मक अनुक्रम या व्यवस्था भी शामिल हो सकती है जिन्हें शुभ माना जाता है और वैदिक अंकशास्त्र में उनका महत्व है।
4. **उद्देश्य**: कनकधारा यंत्र का प्राथमिक उद्देश्य धन और वित्तीय समृद्धि को आकर्षित करना है। ऐसा माना जाता है कि यह उन बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है जो किसी के जीवन में धन के प्रवाह को रोक सकती हैं।
5. **पूजा और सक्रियण**: कनकधारा यंत्र को सक्रिय करने के लिए, इसे अनुष्ठानिक प्रक्रिया के माध्यम से उचित रूप से सक्रिय किया जाना चाहिए। इसमें अक्सर विशिष्ट मंत्रों का पाठ करना और देवी लक्ष्मी की प्रार्थना करना शामिल होता है। सक्रियण के बाद, यंत्र को इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए किसी प्रमुख स्थान, जैसे पूजा स्थल या कैश बॉक्स में रखा जा सकता है।
6. **भक्ति अभ्यास**: भक्त अक्सर ध्यान और प्रार्थना के लिए कनकधारा यंत्र का उपयोग करते हैं। उनका मानना है कि यंत्र के साथ नियमित पूजा और ध्यान करने से उनकी वित्तीय स्थिति और समग्र कल्याण में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यंत्र कोई जादुई उपकरण नहीं हैं, बल्कि माना जाता है कि इनका आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक महत्व है। जो लोग इनका उपयोग करते हैं, वे अपने इरादों के साथ खुद को जोड़ने के लिए भक्ति और ध्यान के रूप में ऐसा करते हैं, इस मामले में, धन और प्रचुरता को आकर्षित करना। यंत्रों का उपयोग ईमानदारी और उनसे जुड़ी परंपराओं और मान्यताओं के प्रति सम्मान के साथ किया जाना चाहिए।
श्री यंत्र के बारे में अधिक जानने के लिए
यहां पढ़ें ।
https://www.youtube.com/watch?v=1SNNbdZmAes
https://www.youtube.com/watch?v=_vwRj-UO8Vs
https://www.youtube.com/watch?v=tZ_s9jHyIho&t=287s